दुश्मन को भी सीने से:

SHARE

दुश्मन को भी सीने से
दुश्मन को भी सीने से लगाना नहीं भूले
हम अपने बुजुर्गों का ज़माना नहीं भूले
तुम आँखों की बरसात बचाये हुये रखना
कुछ लोग अभी आग लगाना नहीं भूले
ये बात अलग हाथ कलम हो गये अपने
हम आप की तस्वीर बनाना नहीं भूले
इक ऊम्र हुई मैं तो हँसी भूल चुका हूँ
तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले।

SHARE