ख्वाहिशें हैं कि तेरे दिल मे उतर जाऊं

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ख्वाहिशें हैं कि तेरे दिल मे उतर जाऊं
मुद्दतों बाद मैं हद से गुज़र जाऊं
कतारों में हैं मेरे कई चाहने वाले
तुम कहो तो मैं सब से मुकर जाऊं
तुम परेशान हो शायद मेरी हरकतों से
सोचता हूँ कि अब मैं सुधर जाऊं
जब भी तुम फूलों सा महकती हो
दिल करता है कि तुम्हे कुतर जाऊं
बहूत महीन हो गया है मेरा मुकद्दर
काश मैं फिर से उभर जाऊं

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