डर मुझे भी लगा फांसला देख करडर मुझे भी लगा फांसला देख करपर मैं बढ़ता गया रAbस्ता देख करखुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गमेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर.
अल्फाज किसी और के मैं लाता ज़रूर हूँ पअल्फाज किसी और के मैं लाता ज़रूर हू.र गहराईयां समंदर सी मेरे दिल की है
न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरेन मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..*पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे...!