दर्द से दोस्ती हो गई यारोंदर्द से दोस्ती हो गई यारोंजिȁ902दगी बे दर्द हो गई यारोंक्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारादूर तक रोशनी तो हो गई यारो
बुलबुल के परो में बाज़ नहीं होतेबुलबुल के परो में बाज़ नहीं होतेकमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होतेजिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदतदोस्तों उन सिरों पर कभी ताज नहीं होते
आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैंआ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैंजैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैंMeaningशय - ची
दोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैंदोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैंफिर भी दोस्ती दिलों को मिला देती हैवो दोस्ती ही क्या जिसमे नाराज़गी ना होपर सच्ची दोस्ती रूठे हुए को मना लेती है
दोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैंदोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैंफिर भी दोस्ती दिलों को मिला देती हैवो दोस्ती ही क्या जिसमे नाराज़गी ना होपर सच्ची दोस्ती रूठे हुए को मना लेती है
माना कि आदमी कोमाना कि आदमी कमाना कि आदमी को हँसाता है आदमीइतना नहीं कि जितना रुलाता है आदमीमाना गले से सब को लगाता है आदमीदिल में किसी-किसी को बिठाता है आदमीसुख में लिहाफ़ ओढ़ के सोता है चैन सेदुख में हमेशा शोर मचाता है आदमीहर आदमी की ज़ात अजीब-ओ-गरीब हैकब आदमी को दोस्तो! भाता है आदमीदुनिया से ख़ाली हाथ कभी लौटता नहींकुछ राज़ अपने साथ ले जाता है आदमी