बुलबुल के परो में बाज़ नहीं होते SHARE FacebookTwitter बुलबुल के परो में बाज़ नहीं होतेकमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होतेजिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदतदोस्तों उन सिरों पर कभी ताज नहीं होतेMore SHARE FacebookTwitter Tagsदोस्ती शायरी हिन्दी मे