चलो उसका नही तो खुदा का एहसान लेते हैंचलो उसका नही तो खुदा का एहसान लेते हैंवो मिन्नत से ना माना तो मन्नत से मांग लेते हैं
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिनयूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिनना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे
क़दमों की दूरी से दिलों के फांसले नहीं बढ़तेक़दमों की दूरी से दिलों के फांसले नहीं बढ़तेदूर होने से एहसास नहीं मरतेकुछ क़दमों का फांसला ही सही हमारे बीचलेकिन ऐसा कोई पल नहीं जब हमको याद नहीं करते
उसे मैं ढाँप लेना चाहता हूँ अपनी पलकों मेंउसे मैं ढाँप लेना चाहता हूँ अपनी पलकों मेंइलाही उस के आने तक मेरी आँखों में दम रखना
ऐ काश कुदरत का कहीं ये नियम हुआ करेऐ काश कुदरत का कहीं ये नियम हुआ करेतुझे देखने के सिवा ना मुझे कोई काम हुआ करे