रद्दी खरीदने वाला: साहब पुराने कपडे, पेपर, बर्तन हो तो दे दीजिये। संता:अभी जाओ मेम साहब नहीं हैं, मायके गयी हैं। रद्दी वाला (पूरे विश्वास से): तो फिर खाली बोतलें ही दे दीजिये।
जीतो: जी आपको मुझमे क्या अच्छा लगता है, मेरी समझदारी या मेरी Beauty? संता: मुझे तो ये तुम्हारी मज़ाक करने की आदत बहुत अच्छी लगती है।
जीतो: पिछली बार आपने मेरे जन्मदिन पर लोहे का पलंग बनवाया था। इस बार क्या इरादा है? संता: सोच रहा हूँ इस बार उसमें करंट छोड़ दूँ।
जीतो मायके से वापस आयी तो संता दरवाजा खोलते हुए जोर-जोर से हँसने लगा। जीतो: ऐसे क्यों हँस रहे हो? संता: बुजुर्गों ने कहा है कि जब भी मुसीबत सामने आये उसका सामना हँसते हुये करो।
जीतो: 26 जनवरी को परमाणु हथियारों की झाँकी देख कर कितना अच्छा लगता है। संता: मैं मोदी जी से आग्रह कर के अगली परेड मे बेलन भी रखने को कहुंगा क्योंकि हिन्दुस्तानी पती के लिए तो बेलन भी किसी परमाणु हथियार से कम नही है।