दिल ने एक एक दुख सहा तनहा

SHARE

दिल ने एक एक दुख सहा तनहा
अंजुमन अंजुमन रहा तन्हा
ढलते सायों में तेरे कूचे से
कोई गुज़रा है बारहा तन्हा
तेरी आहट क़दम क़दम और मैं
इस मइयत में भी रहा तन्हा
कहना यादों के बर्फ़-ज़ारों से
एक आँसू बहा बहा तनहा
डूबते साहिलों के मोड़ पे दिल
इक खंडर सा रहा सहा तन्हा
गूँजता रह गया ख़लाओं में
वक़्त का एक क़हक़हा तन्हा

This is a great तनहा दिल शायरी. If you like तनहा सफर शायरी then you will love this.

SHARE