नसीब आज़माने के दिन..नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैंक़रीब उन के आने के दिन आ रहे हैंजो दिल से कहा है जो दिल से सुना हैसब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैंअभी से दिल-ओ-जाँ सर-ए-राह रख दोकि लुटने-लुटाने के दिन आ रहे हैंटपकने लगी उन निगाहों से मस्तीनिगाहें चुराने के दिन आ रहे हैंसबा फिर हमें पूछती फिर रही हैचमन को सजाने के दिन आ रहे हैंचलो 'फ़ैज़' फिर से कहीं दिल लगायेंसुना है ठिकाने के दिन आ रहे हैं
This is a great नसीब की शायरी. If you like नसीब पर शायरी then you will love this. Many people like it for नसीब शायरी इन हिंदी. Share it to spread the love.