दिल गया..दिल गया रौनक-ए-हयात गईग़म गया सारी कायनात गई;दिल धड़कते ही फिर गई वो नज़रलब तक आई न थी कि बात गई;उनके बहलाए भी न बहला दिलगएगां सइये-इल्तफ़ात गई;हाय सरशरायां जवानी कीआँख झपकी ही थी के रात गई;नहीं मिलता मिज़ाज-ए-दिल हमसेग़ालिबन दूर तक ये बात गई;क़ैद-ए-हस्ती से कब निजात 'जिगर'मौत आई अगर हयात गई
This is a great जवानी की शायरी. If you like तेरी जवानी शायरी then you will love this. Many people like it for शायरी जवानी की. Share it to spread the love.