दिल गया रौनक-ए-हयातदिल गया रौनक-ए-हयादिल गया रौनक-ए-हयात गईग़म गया सारी कायनात गई;दिल धड़कते ही फिर गई वो नज़रलब तक आई न थी कि बात गईउनके बहलाए भी न बहला दिलगएगां सइये-इल्तफ़ात गईमर्गे आशिक़ तो कुछ नहीं लेकिनइक मसीहा-नफ़स की बात गईहाय सरशरायां जवानी कीआँख झपकी ही थी के रात गईनहीं मिलता मिज़ाज-ए-दिल हमसेग़ालिबन दूर तक ये बात गईक़ैद-ए-हस्ती से कब निजात 'जिगर'मौत आई अगर हयात गई
दिल गयादिल गया..दिल गया रौनक-ए-हयात गईग़म गया सारी कायनात गई;दिल धड़कते ही फिर गई वो नज़रलब तक आई न थी कि बात गई;उनके बहलाए भी न बहला दिलगएगां सइये-इल्तफ़ात गई;हाय सरशरायां जवानी कीआँख झपकी ही थी के रात गई;नहीं मिलता मिज़ाज-ए-दिल हमसेग़ालिबन दूर तक ये बात गई;क़ैद-ए-हस्ती से कब निजात 'जिगर'मौत आई अगर हयात गई
इब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को हैइब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को हैसब्र रुख़्सत हो रहा है इज़्तिराब आने को हैअनुवादइब्तिदा-ए-इश्क़ = इश्क़ की शुरुआलुत्फ़-ए-शबाब = जवानी का मज़इज़्तिराब = बेचैन
ज़िन्दगी के किस मोड़ पर ले आई है यह जवानी भीज़िन्दगी के किस मोड़ पर ले आई है यह जवानी भीजलना होगा या डूबना होगा "अक्स" इश्क़ आग भी है और पानी भी