कठिन है राहगुज़र

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कठिन है राहगुज़र..
कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत बड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है
मैं जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो
नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं
बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो
ये एक शब की मुलाक़ात भी ग़नीमत है
किसे है कल की ख़बर थोड़ी दूर साथ चलो
अभी तो जाग रहे हैं चिराग़ राहों के
अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो
तवाफ़-ए-मन्ज़िल-ए-जानाँ हमें भी करना है
'फ़राज़' तुम भी अगर थोड़ी दूर साथ चलो

This is a great प्यार मत करना शायरी. If you like उम्र की शायरी then you will love this. Many people like it for अनदेखा करना शायरी. Share it to spread the love.

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