साकी शराब ला..साकी शराब ला कि तबीयत उदास हैमुतरिब रबाब उठा कि तबीयत उदास हैचुभती है कल वो जाम-ए-सितारों की रोशनीऐ चाँद डूब जा कि तबीयत उदास हैशायद तेरे लबों की चटक से हो जी बहालऐ दोस्त मुसकुरा कि तबीयत उदास हैहै हुस्न का फ़ुसूँ भी इलाज-ए-फ़सुर्दगीरुख़ से नक़ाब उठा कि तबीयत उदास हैमैंने कभी ये ज़िद तो नहीं की पर आज शब-ए-महजबीं न जा कि तबीयत उदास है
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