अक्सर मिलना ऐसा हुआ बसलब खोले और उसने कहा बसतब से हालत ठीक नहीं हैमीठा मीठा दर्द उठा बससारी बातें खोल के रखोमैं हूं तुम हो और खुदा बसतुमने दुख में आंख भिगोईमैने कोई शेर कहा बसवाकिफ़ था मैं दर्द से उसकेमिल कर मुझसे फूट पड़ा बसइस सहरा में इतना कर देमीठा चश्मा, पेड़, हवा बस
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