जब भी मिलतजब भी मिलता हूँ तुझसेमेरी ज़िन्दगी उदास हो जाती हैमेरी हर धड़कन ख़ामोश हो जाती है;तेरी सुरमई आँखों की कसममेरी मोहब्बत सरे-बाज़ार बदनाम हो जाती हैतेरी धुंधली यादें सरे-आम मुझको डसती हैंजब भी चेहरे से तू नक़ाब उठाती हैतेरे दर्द का सिलसिला तब तक चलता रहता हैजब तक तू न नज़रें मेरे चेहरे से हटाती हैजब भी मिलता हूँ तुझसेमेरी ज़िन्दगी उदास हो जाती है
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