जो भी दुख याद न था..जो भी दुख याद न था याद आयाआज क्या जानिए क्या याद आयायाद आया था बिछड़ना तेराफिर नहीं याद कि क्या याद आयाहाथ उठाए था कि दिल बैठ गयाजाने क्या वक़्त-ए-दुआ याद आयाजिस तरह धुंध में लिपटे हुए फूलइक इक नक़्श तेरा याद आयाये मोहब्बत भी है क्या रोग 'फ़राज़'जिसको भूले वो सदा याद आया
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