दिल गया

SHARE

दिल गया..
दिल गया रौनक-ए-हयात गई
ग़म गया सारी कायनात गई;
दिल धड़कते ही फिर गई वो नज़र
लब तक आई न थी कि बात गई;
उनके बहलाए भी न बहला दिल
गएगां सइये-इल्तफ़ात गई;
हाय सरशरायां जवानी की
आँख झपकी ही थी के रात गई;
नहीं मिलता मिज़ाज-ए-दिल हमसे
ग़ालिबन दूर तक ये बात गई;
क़ैद-ए-हस्ती से कब निजात 'जिगर'
मौत आई अगर हयात गई

This is a great जवानी की शायरी. If you like तेरी जवानी शायरी then you will love this. Many people like it for शायरी जवानी की. Share it to spread the love.

SHARE