उन्हें सवाल ही लगता है..उन्हें सवाल ही लगता है मेरा रोना भीअजब सज़ा है जहाँ में ग़रीब होना भीये रात भी है ओढ़ना-बिछौना भीइस एक रात में है जागना भी सोना भीअजीब शहर है कि घर भी रास्तों की तरहकैसा नसीब है रातों को छुप के रोना भीखुले में सोएँगे मोतिया के फूलों सेसजा लो ज़ुल्फ़ बसा लो ज़रा बिछौना भी'अज़ीज़' कैसी यह सौदागरों की बस्ती हैगराँ है दिल से यहाँ काठ का खिलौना भी
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