मेरा जी है जब तक

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मेरा जी है जब तक..
मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है
ज़बाँ जब तलक है यही गुफ़्तगू है
ख़ुदा जाने क्या होगा अंजाम इसका
मै बेसब्र इतना हूँ वो तुन्द ख़ू है
तमन्ना है तेरी अगर है तमन्ना
तेरी आरज़ू है अगर आरज़ू है
किया सैर सब हमने गुलज़ार-ए-दुनिया
गुल-ए-दोस्ती में अजब रंग-ओ-बू है
ग़नीमत है ये दीद वा दीद-ए-याराँ
जहाँ मूँद गयी आँख, मैं है न तू है
नज़र मेरे दिल की पड़ी 'दर्द' किस पर
जिधर देखता हूँ वही रू-ब-रू है

This is a great मेरा बचपन शायरी. If you like मेरा नसीब शायरी then you will love this. Many people like it for मेरा गाँव शायरी. Share it to spread the love.

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