कठिन है राह-गुज़र​

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कठिन है राह-गुज़र​...​​ ​
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​​कठिन है राह-गुज़र थोड़ी देर साथ चलो​;
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी देर साथ चलो​;​​

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तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है;
ये जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो​;

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नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं;
बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो

This is a great उम्र की शायरी. If you like शायरी सफ़र पर then you will love this. Many people like it for कहाँ हो तुम शायरी. Share it to spread the love.

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