जब तू होती थी मेरी ज़िन्दगी में तो तेरे मेरे इश्क के चर्चे बहुत थेजब तू होती थी मेरी ज़िन्दगी में तो तेरे मेरे इश्क के चर्चे बहुत थेअच्छा ही हुआ ज़िन्दगी से चली गयी तू क्योंकि तेरे खर्चे ही बहुत थे!
इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभीइत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभीयूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे
वो जिसे समझती थी ज़िन्दगीवो जिसे समझती थी ज़िन्दगी, मेरी धड्कनों का फरेब थामुझे मुस्कुराना सिखा के, वो मेरी रूह तक रुला गयी
इक अदा आपकी दिल चुराने कीइक अदा आपकी दिल चुराने की, इक अदा आपकी दिल में बस जाने कीचेहरा आपका चाँद सा और एक ज़िन्दगी हमारी उस चाँद को पाने की!
ज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैंज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैंजिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम जानते हैं