दोनों जहाँ देके वोदोनों जहाँ देके वो..दोनों जहाँ देके वो समझे ये ख़ुश रहायां आ पड़ी ये शर्म की तकरार क्या करेंथक-थक के हर मक़ाम पे दो चार रह गयेतेरा पता न पायें तो नाचार क्या करेंक्या शमा के नहीं है हवाख़्वाह अहल-ए-बज़्महो ग़म ही जांगुदाज़ तो ग़मख़्वार क्या करेंTranslationनाचार=जिनका बस ना चलेहवाख़्वाह=शुभचिंतकअहल-ए-बज़्म=महफिल वालेजांगुदा=जान घुलाने वाला
आया हूँ संग ओ ख़िश्त केआया हूँ संग ओ ख़िश्त के..आया हूँ संग ओ ख़िश्त के अम्बार देख करख़ौफ़ आ रहा है साया-ए-दीवार देख करआँखें खुली रही हैं मेरी इंतज़ार मेंआए न ख़्वाब दीद-ए-बे-दार देख करग़म की दुकान खोल के बैठा हुआ था मैंआँसू निकल पड़े हैं ख़रीददार देख करक्या इल्म था फिसलने लगेंगे मेरे क़दममैं तो चला था राह को हम-वार देख करहर कोई पार-साई की उम्दा मिसाल थादिल ख़ुश हुआ है एक गुनह-गार देख कर
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँजब भी उनकी गली से गुज़रता हूँमेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैंदुःख ये नहीं कि वो दरवाजा बंद कर देते हैखुशी ये है कि वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं
मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करनामेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करनाभूल जाना मेरा ख्याल ना करनाहम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगेपर तुम मेरी लाश ले कोई सवाल मत करना
खुश रहे तू है जहाँखुश रहे तू है जहाँ, ले जा दुआएं मेरीतेरी राहों से जुदा हो गयी हैं राहें मेरीकुछ नहीं पास मेरे अब खाली हाथ हैंकिसी और की नहीं सब खतायें हैं मेरी
पढ़ तो लिए है मगर अब कैसे फेंक दूँपढ़ तो लिए है मगर अब कैसे फेंक दूँखुशबू तुम्हारे हाथों की इन कागज़ों में जो है