दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गईदिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गईदोनों को इक अदा में रजामंद कर गईशक हो गया है सीना, ख़ुशी लज्जते-फ़िराकतकलीफे-पर्दादारी-ए-ज़ख्म-जिगर गई