बरकतों का मौसम है, खुदा से कर लो दुआएं; होगा ज़रूर वो परवरदिगार भी आप पर मेहरबान; मंज़ूर हो आपकी हर अर्ज़ उस दाता के दरबार में; हम भी करते हैं कि मुबारक हो आपके लिए ये रमजान! रमजान मुबारक!
बरसेगा इंसान पे आज अल्लाह का नूर इस कदर; होता है समंदर में पानी जिस कदर; अगर इबादत में रहे मशरूफ आज हम, आज चमकेगा ज़रूर हमारा मुक़द्दर; करेगा जो इबादत अगर आज शाम-ओ-सहर; अल्लाह की रहमत-ए-नजर होगी उस पर। रमदान मुबारक!
होंठों पे न कभी कोई शिकवा चाहिए; बस निगाह-ए-करम और दुआ चाहिए; चाँद तारों की तमन्ना नहीं मुझको; आप रहें सलामत खुदा से यही खैरात चाहिए। रमजान मुबारक
जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें; उनके लिए मन से हमेशा निकलती है दुआएं; बख्शे खुदा सब के गुनाह, बस यही करता हूँ दुआएं। रमज़ान मुबारक़
तुझे आँसू भरी वो दुआ मिले जिसे कभी न इंकार खुदा करे; तुझे हसरत न रहे कभी जन्नत की; खुदा खुशियाँ की बारिश तुम्हारे ऊपर करे। रमज़ान मुबारक!
हम आपको याद करते हैं; महे रमज़ान में यही फरियाद करते हैं; बख्शे हर गुनाह ख़ुदा सब के; बस यही दुआ करते हैं। रमज़ान मुबारक़!
हर सजदा आपका मंज़ूर-ए-खुदा हो जाये; आपकी दुआओं पर रब की रज़ा हो जाये; करते हैं हम भी दुआ इस महे रमज़ान में; कि आपकी ज़िंदगी से लफ़्ज़-ए-ग़म फ़ना हो जाये। रमज़ान मुबारक़
हो खुदा की हम पर मेहरबानी; हो माफ़ हमारी हर न-फ़रमानी; आओ मिलकर करें यह वादा; चलें खुदा की दिखाई राहों में; महे रमदान में ऐसा बुलंद करें अपना इरादा। रमज़ान मुबारक
रमज़ान का मुबारक़ महीना; अल्लाह की इबादत का महीना; मोहब्बत उस महबूब की; अहमियत उस खुदाई इल्म की; यही है राह-ए-खुदाई का महीना; मुबारक़ हो आपका रमज़ान का महीना।
बख्शीश का फिर से सामान आ गया; कर लो ख़ातिर-तवज्जो मेहमान आ गया; बढ़ गयी हैं मस्जिद की रौनकें; मुबारक़ हो सबको रमदान आ गया। रमज़ान मुबारक़!
बरसेगा इंसान पे आज अल्लाह का नूर इस कदर; होता है समुन्दर में पानी जिस कदर; अगर इबादत में रहे मशरूफ आज हम; आज चमकेगा ज़रूर हमारा मुक़द्दर; करेगा जो इबादत अगर आज शाम-ओ-सहर; अल्लाह की रहमत-ए-नजर होगी उस पर। रमदान मुबारक!