बख्शीश का फिर से सामान आ गया SHARE FacebookTwitter बख्शीश का फिर से सामान आ गया; कर लो ख़ातिर-तवज्जो मेहमान आ गया; बढ़ गयी हैं मस्जिद की रौनकें; मुबारक़ हो सबको रमदान आ गया। रमज़ान मुबारक़!More SHARE FacebookTwitter
ख्वाहिशों के समंदर के मोती तेरे नसीब हों; फूल चेहरा, फूल लहजे तेरे हमसफ़र हों; कुछ.......Read Full Message