जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें SHARE FacebookTwitter जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें; उनके लिए मन से हमेशा निकलती है दुआएं; बख्शे खुदा सब के गुनाह, बस यही करता हूँ दुआएं। रमज़ान मुबारक़More SHARE FacebookTwitter
ख्वाहिशों के समंदर के मोती तेरे नसीब हों; फूल चेहरा, फूल लहजे तेरे हमसफ़र हों; कुछ.......Read Full Message