जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें

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जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें;
उनके लिए मन से हमेशा निकलती है दुआएं;
बख्शे खुदा सब के गुनाह, बस यही करता हूँ दुआएं।
रमज़ान मुबारक़

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