बरकतों का मौसम है, खुदा से कर लो दुआएं; होगा ज़रूर वो परवरदिगार भी आप पर मेहरबान; मंज़ूर हो आपकी हर अर्ज़ उस दाता के दरबार में; और हो मुबारक आपके लिए ये रमजान!
रब तू अपना जलवा दिखा दे; सबकी ज़िंदगी को अपने नूर से सवार दे; बस यही दुआ है मेरे मालिक; इस रमज़ान में सबकी ज़िंदगी में खुशियां बिखेर दे। रमज़ान मुबारक़
गुलशन को कर रही है मोत्तार ये हवायें; आता नहीं नज़र कुछ भी अब उसके सिवाये; करते हैं दुआ उस परवरदिगार से; बख्श दे वो हमारे गुनाह इस महे रमजान में। रमज़ान मुबारक
बे-जुबानों को वो जुबान देता है; पढ़ने को फिर वो कुरान देता है; बक्शने पे आये जब जब वो गुनाहों को; तोहफे में गुनाहगारों को रमजान देता है। रमज़ान मुबारक।
ज़िंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो; आपका हर दिन किसी मुबारक दिन से कम न हो; ये दिन आपको हमेशा नसीब हो; जिसमे कोई दुःख और कोई ग़म न हो। रमजान मुबारक!
आसमान पे नया चाँद है आया; सारा आलम ख़ुशी से जगमगाया; हो रही है सहर-ए-इफ्तार की तैयारी; सज रही है दुआओं की सवारी; पूरे हों आपके दिल के सब अरमान; मुबारक हो आपको प्यारा रमजान।
खुदा का शुक्र है रमजान आया; मसीहा बनके है मेहमान आया; मेरी आँखें बिछी हैं उसकी राह मे; बड़े रुतबे का है सुल्तान आया। रमजान मुबारक!
वो सहरी की ठंडक; वो इफ़्तार की रौनक; वो आसमान का नूर; वो तारों की चमक; वो मस्जिदों का संवरना; वो मीनारों का चमकना; वो मुसलमानों की धूम; वो फरिश्तों का हूजूम। इन सबके साथ रमदान मुबारक!
मौसम मस्त है; माहौल ज़बरदस्त है; रोज़े की तैयारी में सब व्यस्त हैं; सोचा था कॉल करके विश कर दें; पर पता चला इस रूट की सभी लाइने व्यस्त हैं। रमदान मुबारक!
अगर तुम अपने रब पे बहुत भरोसा करते हो तो; ये भी जान लो कि; तुम्हारा रब इस भरोसे को कभी टूटने नहीं देगा। रमजान मुबारक!