तिन लोग आपका नंबर मांग रहे है, मैंने नहीं दिया | पर आपके घर का पता दे दिया है | वो दशहरा के दिन आयेंगे | उनके नाम है!! सुख | शांति | सम्रुद्धि | happy dussehra.
किस्सा एक पुराना दोस्तो लंका मे था रावण, राजा एक महा अभिमानी कांपता जिससे कण-कण। उस अभिमानी रावण ने था सबको खूब सताया, रामचंद्र जब आये वन में सीता को हर लाया। झलमल-झलमल सोने की लंका पैरो पर झुकती, और काल की गति भी भाई उसके आगे रूकती। सुंदर थी लंका, लंका में सोना ही सोना था, लेकिन पुन्य नही, पापों का भरा हुआ दोना था। तभी राम आए बन्दर भालू की लेकर सेना, साध निशाना सच्चाई का तीर चलाया पैना। लोभ-पाप की लंका धू-धू जलकर हो गई राख, दीए जले थे तब धरती पर अनगीन, लाखों-लाख। इसलिए तो आज धूम है रावण आज मरा था, कटे शीश दस बारी-बारी उतरा भार धरा का। लेकिन सोचो, कोई रावण फिर छल न कर पाए, कोई अभिमानी न फिर से काला राज चलाए। तब होगी सच्ची दीवाली होगा तभी दशहरा, जगमग-जगमग होगा तब फिर सच्चाई का चेहरा।
इस समय लोग रावण भी हो जाये वही बहुत हैं, रावण बनना भी कहां आसान …. रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था रावण में वासना थी तो संयम भी था रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी तो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श भी न करने का संकल्प भी था, सीता जीवित मिली ये राम की ही ताकत थी.. पर सीता पवित्र मिली ये रावण की भी मर्यादा थी राम, तुम्हारे युग का रावण अच्छा था.. दस के दस चेहरे, सब “बाहर” रखता था…
शान्ति अमन के इस देश से अब बुराई को मिटाना होगा आतंकी रावण का दहन करने आज फिर से श्री राम को आना होगा|
आदमी ही आदमी को छल रहा है, ये क्रम आज से नही, बरसों से चल रहा है रोज चौराहे पर होता है ” सीताहरण ” जबकि मुद्दतों से ‘रावण’ जल रहा है…!!
मैंने महसूस किया है; उस जलते हुए रावण का दुःख.. जो सामने खड़ी भीड़ से बारबार पूछ रहा था; "तुम में से कोई राम है क्या?" happy dussehra-vijayadashami.....!!!
रावण बनना भी कहां आसान... रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था रावण में वासना थी तो संयम भी था रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी तो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श भी न करने का संकल्प भी था सीता जीवित मिली ये राम की ही ताकत थी पर पवित्र मिली ये रावण की भी मर्यादा थी "हे राम.....!!! तुम्हारे युग का रावण अच्छा था.. दस के दस चेहरे, सब "बाहर" रखता था...!!
एक औरत अपनी जीभ पर कुमकुम चावल लगा रही थी। पति-ये क्या कर रही हो? पत्नी-आज दशहरा है, शस्त्र पूजन कर रही हूं
किस रावण की काटूं बाहें, किस लंका को आग लगाऊँ..! घर घर रावण पग पग लंका, इतने राम कहाँ से लाऊँ..,!!! जरुरी है अपने ज़ेहन में 'राम' को जिन्दा रखना... क्योंकि पुतले जलाने से कभी 'रावण' नहीं मरते.. क्यों ना आज अपने ही भीतर झांका जाय, एक तीर अंदरके रावण पर भी चलाया जाय । विजयी दशमी की आपको परिवार सहित हार्दिक बधाई....
जिस प्रकार बुराई की सदा हार हुई है और अच्छाई की सदैव जीत - ठीक उसी प्रकार अपने अन्दर के रावण को मारो और श्री राम के दिखाये सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलो।
अधर्म पर धर्म की जीत, अन्याय पर न्याय की विजय; बुरे पर अच्छे की जय जय कार, यही है दशहरे का त्यौहार। दशहरे की आपको हार्दिक शुभ कामनायें!
हर पल हो आपका जीवन सुनहरा, घर आपके रहे सदा खुशियों का पहरा, रहें आप कहीं भी इस जहान में, मुबारक हो आपको यह पावन पवित्र दशहरा। दशहरे की शुभ कामनायें!