प्यारा प्यारा मेरा देश,सजा -संवारा मेरा देश. दुनिया जिस पर गर्व करे--नयन -सितारा मेरा देश. चाँदी -सोना मेरा देश,सफल सलोना मेरा देश, सूरज जैसा आलोकित --सुख का कोना मेरा देश. फूलों वाला मेरे देश,झूलों वाला मेरा देश, गंगा -यमुना की माला का--फूलों वाला मेरा देश. आगे जाये मेरा देश,नित मुस्काये मेरा देश. इतिहास में बढ़ चढ़ कर-----नाम लिखाये मेरा देश........
लन्दन के फुटपाथ पर दो भारतीय रुकेऔर जूते पोलिश करनेवाले से एकव्यक्ति ने जूते पोलिश करनेको कहा।जूते पोलिश हो गये..पैसे चुका दिए औरवो दोनों अगले जूते पोलिश करने वाले केपास पहुँच गये।वहां पहुँच कर भी उन्होंने वही किया।जो व्यक्ति अभी जूते पोलिश करवा केआया था,उसने फिर जूते पोलिश करवाएऔर पैसे चूका कर अगले जूते पोलिश करने वालेके पास चला गया।जब उस व्यक्ति ने 7-8 बार पोलिश कियेहुए जूतो को पोलिश करवाया तो उसकेसाथ के व्यक्ति के सब्र का बाँध टूट पड़ा।उसने पूछ ही लिया "भाई जब एक बार मेंतुम्हारे जूते पोलिश हो चुके तो बार-बारक्यों पोलिश करवा रहे हो"?प्रथम व्यक्ति "ये अंग्रेज मेरे देश में राज़ कर रहे हैं,मुझे इन घमंडी अंग्रेजो से जूते साफ़ करवानेमें बड़ा मज़ा आता है।वह व्यक्ति था स्वतंत्रता का महानायकसुभाष चन्द्र बोस।जय हिंद जय भारत
मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर ना आए ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुरबानी
ख्वाहिशों से नहीं गिरते हैं फूल झोली में...... कर्म की शाख को हिलाना होगा। कुछ नहीं होगा कोसने से अँधेरे को.... अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा।" happy independence day
"बन गया जब से तिरंगा जान हिन्दुस्तान की।" "हो गयी तब से अलग पहचान हिन्दुस्तान की।" "ज़िंदगी हर देश से आसान हिन्दुस्तान की।" "इसलिए सबसे अलग है शान हिन्दुस्तान की।"
"याद करलो उन्हे यारों आज, "वतन पे जिसका हाथ था, जिसके खून का एक-एक कतरा वतन के साथ था, " फख्र है मुजे आजाद, बोझ का, गुमान है मुजे गांघी, भगतसिंह का, जूनून है मुजे आजा़दी का, जूनून है मुजे आबादी का, परवा नहीं है कोइ दूनिया की क्योंकि, सुकुन है मुजे वतन की बुलंदी का।
सब ने तुझे आते हुए देखा, बात सारे जगको मालूम हो गई, हे मेरे देश की आजादी, तु आकर कहा गूम हो गई। न गांधीजी जानते थे न सुभाष को पता था शायद, जो ख्वाब तेरे लिये देखा था बेपता था शायद, कितने दिवाने मर मिटे, एक है कि बेवफा जो तुम हो गई, हे मेरे देश की आजादी, तु आकर कहा गूम हो गई।
मेरी धडकनो में धडकता रहे तु , मेरे देश तुझको नमन है मेरा... जीऊं तो जुबां पर तेरा नाम हो मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा।
यह देश महान था महान है और महान रहेगा, हमारा भारत देश रहेगा जब तक जहान रहेगा, दिल का दर्द लिखा है लिखते रहेंगे हम भी यहाँ, आज़ादी के पर्व का हरदम हम पे परवान रहेगा !!
कदर करो वीर जवानो की देश के मरम की, कदर करो इस महान देश की हर धरम की, सही मायनो में तभी होगी हमारी आज़ादी, जिस दिन समझ आएगी अपने करम की !!
लालबत्ती पर बच्चे मिल जाएंगे तिरंगा बेचते, दूसरे ही दिन मिलेगा तिरंगा बच्चो से खेलते, क्या यही सन्मान है देश के तिरंगे का कहिये, कितने दिन हम रहेंगे यही सब खामोश जेलते !!
निकलता है इंसान रोजीरोटी कमाने को, पता नहीं सठीक पहुंच पायेगा ठिकाने को, आतंकवाद,बलात्कार,भ्रष्टाचार है बेपाहाँ, क्या इस को कहेंगे आज़ादी जमाने को !!