सब ने तुझे आते हुए देखा, बात सारे जगको मालूम हो गई,
हे मेरे देश की आजादी, तु आकर कहा गूम हो गई।
न गांधीजी जानते थे न सुभाष को पता था शायद,
जो ख्वाब तेरे लिये देखा था बेपता था शायद,
कितने दिवाने मर मिटे, एक है कि बेवफा जो तुम हो गई,
हे मेरे देश की आजादी, तु आकर कहा गूम हो गई।