किसी शायर ने खूब कहा है: इस दौर में वफ़ा की उम्मीद क्या करते हो? इस दौर में वफ़ा की उम्मीद क्या करते हो? वो दौर और था जब; लोग सच्चे, घर कच्चे और 10-15 बच्चे हुआ करते थे।
इंसान की समझ बस इतनी है। जब जानवर कहा जाये तो नाराज़ हो जाता है और जब शेर कहा जाये खुश हो जाता है। हालाँकि शायद शेर भी जानवर ही होता है।
एक गाँव में शेर घुस गया। जो काम सरकार सालों से नहीं कर सकी वो काम शेर ने 3 दिनों में कर दिया। गाँव वालों की खुले में शौच जाने की आदत बदल गई। "स्वच्छ भारत अभियान"
पठान ने जू में शेर का पिंजरा खुला छोड़ दिया! ओफ्फिसर: तुमने शेर का पिंजरे को ताला क्यूँ नहीं लगाया? पठान: क्या ज़रूरत है, सर? इतने खौफनाक जानवर को कौन चोरी करेगा?
पठान ने जूह में शेर का पिंजरा खुला छोड़ दिया! ऑफिसर: तुमने शेर का पिंजरा लॉक नहीं किया? पठान: क्या ज़रूरत है, साहब! इतने खौफनाक जानवर को कौन चोरी करेगा?
पठान ने चिड़ियाघर में नौकरी कर ली, उसने शेर के पिंजरे को ताला नहीं लगाया। अफसर: तुमने शेर के पिंजरे को ताला क्यों नहीं लगाया? पठान: क्या ज़रूरत है, इतने खतरनाक जानवर को कौन चुराएगा?