शेरों के यहाँ शादी थी। तगड़ा वाला डांस चल रहा था, डांस में एक कुत्ता भी मस्त होकर नाच रहा था। अचानक एक शेर की निगाह उस पर पड़ी तो उसने पूछा: 'कि तुम शेरों की शादी में कैसे'? कुत्ता नाचते हुए बोला: भाई, शादी से पहले हम भी शेर हुआ करते थे!
प्रवचन सुनकर पत्नी जब घर लौटी तो पति से, "बाबा जी कह रहे थे कि रामराज्य में, शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पिया करते थे। ऐसा कैसे हो सकता है भला?" पति: हो क्यों नहीं सकता और वो तो अब भी हो रहा है, क्या मैं तुम्हारे साथ नहीं रहता?
आपके अंदर का जानवर एक समय के बाद ही बाहर आता है। जैसे शादी के बाद ही पता चलता है कि आप कौन हो . . . . . . . . . . शेर या चूहा।
पत्नी: जानू क्या तुम मेरे लिए शेर को मार कर ला सकते हो? पति: कुछ और बताओ, मैं तुम्हारे लिए और कुछ भी कर सकता हूँ। पत्नी: चलो अपना मोबाइल दिखाना मुझे। पति: वो शेर कहाँ है जिसके बारे में तुम बात कर रही थी?
पत्नी: कोई नया शेर सुनाओ? पति: संगमरमर से तराशा, खुदा ने तेरे बदन को.. पत्नी (ख़ुशी से): आगे? पति: बाकी बचा पत्थर उसने तेरी अक्ल पे रख दिया।