पति: आज खाना तुम्हारी माँ ने बनाया है क्या? पत्नी: हाँ! लेकिन तुम्हें कैसे पता चला? पति: रोज खाने में काले बाल निकलते थे आज सफ़ेद निकले हैं।
संता : सुनती हो, मेरी माँ आई है। जीतो: तो कौनसी नयी बात हैं उनका तो रोज़ का ही काम है, अब क्यों आयी हैं? संता : अरे माँ पांच किलो प्याज भी लायी है। जीतो: आप भी ना पहले बोलना था ना माँ जी आयी है, बड़ी मुश्किल से तो बड़ों का प्यार और आशीर्वाद नसीब होता है।
पत्नी: सुनो जी, मेहमान आ रहे हैं और घर में दाल के सिवा कुछ नहीं है। पति: तुम चिंता मत करो। जब वो आयें तो रसोई में एक बर्तन गिराना, मैं पूछूं तो कहना 'कोरमा' गिर गया। फिर दूसरा बर्तन गिराना और कहना 'बिरयानी' गिर गयी। फिर मैं कहूँगा चलो 'दाल' ही ले आओ। मेहमानो के आने के बाद बर्तन गिरने की आवाज़ आई। पति: क्या हुआ? पत्नी: तेरी माँ दा सियापा हो गया, दाल ही गिर गयी।
पत्नी: सुनो जी, मेहमान आ रहे हैं और घर में दाल के सिवा कुछ नहीं है। पति: तुम चिंता मत करो। जब वो आयें तो रसोई में एक बर्तन गिराना, मैं पूछूं तो कहना 'कोरमा' गिर गया। फिर दूसरा बर्तन गिराना और कहना 'बिरयानी' गिर गयी। फिर मैं कहूँगा चलो 'दाल' ही ले आओ। मेहमानो के आने के बाद बर्तन गिरने की आवाज़ आई। पति: क्या हुआ? पत्नी: तेरी माँ दा सियापा हो गया, दाल ही गिर गयी।
एक माँ के लिए वो कौन सा काम है जिसे बेटा करे तो बहुत बुरा और दामाद करे तो बहुत अच्छा लगता है? . . . . . . . . बीवी की ग़ुलामी!
पति: आज खाना सासू माँ ने बनाया है क्या? पत्नी: अरे वाह! कैसे पहचाना? पति: अरे जब तुम बनाती थी तो खाने में काले बाल निकलते थे, आज सफ़ेद निकला है।