खुदा हर एक के घर जाकर उसे प्यार नही कर सकता इसलिए उसने माँ बनाई। इसी तरह हर एक के घर जा के उसे सजा भी नहीं दे सकता इसलिए बीवी बनाई।
माँ: बेटी कैसा चल रहा है तेरा ऑफिस का काम? लड़की: माँ मैं बहुत ज़िम्मेदार हूँ। माँ: वो कैसे? लड़की: ऑफिस में जब भी कोई काम बिगड़ता है तो सारे लोग कहते हैं कि... इसके लिए मैं ही ज़िम्मेदार हूँ।
लड़का एक लड़की के साथ घर आया। माँ: कौन है यह? लड़का: यह मेरी धर्म-पत्नी है। माँ: कब से चल रहा था तुम दोनों के बीच ये सब? लड़का: पता नहीं, यह तो पार्क में मेरे बगल में बैठ किसी का इंतज़ार कर रही थी। बजरंग दल वालों ने हमारी शादी करवा दी।
सास (नयी बहु से): बेटी, आज से तुम मुझे अपनी माँ और अपने ससुर को पिता ही समझना। तभी दरवाजे की घंटी बजी। बहु ने दरवाजा खोला तो देखा कि उसका पति आया है। सास: कौन आया है बेटी? बहु: माँ, भैया ऑफिस से आ गए।
जब गब्बर पैदा हुआ तो उसकी मम्मी ने उसे तीन थप्पड़ मारे। गब्बर के पिता: क्या बात हो गई? गब्बर की माँ: कमबख्त पैदा होते ही पूछ रहा था कि कितने आदमी थे?