संता के शहर में जोरदार भूकंप आया मगर सौभाग्य से संता का परिवार सुरक्षित बच गया। बुरी तरह से डरे हुए संता ने अपने दोनों बच्चों को सुरक्षा के लिहाज से अपने मित्र बंता के पास मुंबई भेज दिया। तीन दिन बाद ही संता को अपने मित्र बंता का तार मिला जिसमें लिखा था: तुम्हारे बच्चों को वापिस भेज रहा हूं, चाहो तो भूकंप को यहां भेज सकते हो।
भिखारी: पहले आप 10-10 रू देते थे अब सिर्फ 1 रू का सिक्का? संता: बाबा पहले मैं कुँवारा था अब शादीशुदा हूँ। भिखारी: साले शर्म नहीं आती मेरे पैसों से अपने बीवी-बच्चों को पाल रहा है।
पति ने पत्नी को मेसेज भेजा-… मेरी जिंदगी इतनी प्यारी, इतनी खूबसूरत बनाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया। मैं आज जो भी हूं, सिर्फ तुम्हारी वजह से हूं। तुम मेरे जीवन में एक फरिश्ता बनकर आई हो और तुमने ही मुझे जीने का मकसद दिया है। लव यू डार्लिंग… पत्नी ने रिप्लाई किया… मार लिया चौथा पैग? आ जाओ घर कुछ नही कहूँगी .
आज कल के बच्चे रिफ्रेश होने के लिए जहाँ वाटर पार्क, गेम सेंटर जाने की जिद करते हैं … वहीं हम ऐसे बच्चे थे जो मम्मी-पापा के एक झापङ से ही फ्रेश हो जाते थे.! ———– वो भी क्या दिन थे….? . जब बच्चपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10 ₹ दे जाता था.. और माँ 8₹ टीडीएस काटकर 2₹ थमा देती थी….!!! ———– आज कल के माँ बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे को बिठा के ऐसे बाय बाय करते हैं, जैसे पढ़ने नहीं, विदेश यात्रा भेज रहें हो…. और एक हम थे जो रोज़ लात खा के स्कूल जाते थे…
घर का T.V बिगड़ जाए तो माता-पिता कहते हैं.. बच्चों ने बिगाड़ा है; और अगर बच्चे बिगड़ जाएं तो कहते है.. T.V. ने बिगाड़ा है !!!