ऐतिहासिक सुवचन: 'झूठ बोलना' बच्चों के लिए पाप, प्रेमियों के लिए कला, कुँवारों के लिए अनिवार्य और शादीशुदा के लिए शांति से जीने का मार्ग।
सुबह-सुबह घरवाली के लिए चाय बनाने को उठा, किचन में गया फिर ध्यान आया कि वो तो मायके गयी है... साला ये प्यार है या उसका खौफ?
अब वक़्त आ गया है कि बच्चों को बीमारियो से बचने के टीको के साथ . . . . . . . . . इंटरनेट से बचाने के टीके भी लगाने शुरू कर देने चाहिए।
आज का ज्ञान: जिंदगी बस 2 दिन की है। एक तो शनिवार और एक रविवार बाकी दिन तो ऐसा लगता है कि जलील होने के लिए पैदा हुए हैं।
अनजान लड़के को भैया कहना भी मानवाधिकार का हनन है... . . . . . . . . इसके लिए भी 2-3 सौ साल की सज़ा तो होनी ही चाहिए।