जज़: तुमने समाज के लिए कौन सा भला काम किया है? पठान (मुजरिम): हमने लाखों लोगों को नौकरी दी है? जज: वो कैसे? पठान: हमारा कारण ही पुलिस और अदालत में लाखों लोग नौकरी करती है।
पठान ट्रेन की टिकट ले रहा था। पठान: बच्चों का आधा टिकट लगता है न? बुकिंग क्लर्क: हाँ अगर 12 से कम हैं तो। पठान: हाँ भाई मेरे तो अभी 5 ही हैं।
सिंधी: पठान भाई तुम बाजार जा रहे हो तो मेरे लिए एक शीशा लेकर आना, जिसमे मैं अपना चेहरा देख सकूँ। पठान: ठीक है। पठान के बाजार से वापस आने के बाद: सिंधी: भाई, ले आये शीशा? पठान: नहीं भाई मिला ही नहीं, जो भी शीशा मैं उठाता था उसमे मेरा ही चेहरा दिखाई दे रहा था, आपका नहीं।
गुरु: बच्चों-कबीर, रहीम और मीरा का कोई दोहा सुनाओ! पप्पू: गंगा के घाट पे घटना घटी गंभीर, रहीम ले गया मीरा की पप्पी और फस गए संत कबीर!
पप्पू: उसको पाने के लिए मैं भगवान से भी लड़ पड़ता! बंटी: फिर जगड़े क्यों नहीं? किसने रोका था? पप्पू: मैंने सोचा कि वक़्त खराब चल रहा है, भगवान से पंगा लेना ठीक नहीं!
पप्पू: मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को चुम्बन के लिए आग्रह किया! तुम्हे मालूम है उसने क्या जवाब दिया? बंटी: लड़-झगड़ के गुस्सा हो गयी, क्या? पप्पू: नहीं यार, उसने कहा 'करलो'!