पठान कॉफ़ी शॉप में वेटर से: एक कॉफ़ी कितने की है? वेटर: सर, 50 रुपये। पठान: सामने वाली दुकान पर तो 1 रुपये लिखा है। वेटर: धयान से पढ़ो कॉफ़ी नहीं कॉपी लिखा है, फोटो-स्टेट की दुकान है वो।
एक बार पठान एक आर्ट गैलरी में गया। पठान(मैनेजर से): यह ऐसी बेहुदा चीज़ों को आप आर्ट कहते हैं। मैनेजर: माफ़ कीजिये, यह शीशा है।
पठान के तलाक़ का मुक़दमा अदालत में चल रहा था। जज: मैंने इस मुक़दमे के बारे में यह फैंसला किया है कि तुम्हारी बेगम को हर महीने 20,000 रुपये मुआवजे के तौर पर मिलेंगे। पठान: बहुत-बहुत मेहरबानी जज साहब, और हाँ कभी-कभी मेरे पास पैसे होंगे तो मैं भी थोड़े पैसे दे दिया करूँगा।
पठान ने चिड़ियाघर में नौकरी कर ली, उसने शेर के पिंजरे को ताला नहीं लगाया। अफसर: तुमने शेर के पिंजरे को ताला क्यों नहीं लगाया? पठान: क्या ज़रूरत है, इतने खतरनाक जानवर को कौन चुराएगा?
सिंधी, पठान से: तुम ये ईंट लिए क्यों फिर रहे हो? पठान: वो मैं अपना घर बेचना चाहता हूँ और ये उसका नमूना है।
पठान: तुम्हें पता है मुझे दिव्य दृष्टि मिल गयी है। मुझे आँखें बंद कर के भी दिखाई देता है। सिंधी: अच्छा तो आँखें बंद करो और बताओ कि क्या दिख रहा है? पठान(आँखे बंद कर): अब चारों तरफ अँधेरा हो गया है।