शायद फिर से वो तकदीर मिल जाए SHARE FacebookTwitter शायद फिर से वो तकदीर मिल जाएजीवन का हसीन पल वो मिल जाएचलो बनाएं बारिश में कागज़ की कश्तीशायद फिर से हमारा बचपन मिल जाए SHARE FacebookTwitter
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं; काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं; मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता; सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं; तु.......Read Full Shayari