आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा SHARE FacebookTwitter आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखाकश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखापत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वालामैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा SHARE FacebookTwitter
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं; काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं; मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता; सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं; तु.......Read Full Shayari