क़ाश मेरी ज़िंदगी का अंत कुछ इस तरह हो SHARE FacebookTwitter क़ाश मेरी ज़िंदगी का अंत कुछ इस तरह होकि मेरी क़बर पे बना उनका घर होवो जब जब सोये ज़मीन परमेरे सीने से लगा उनका सर हो SHARE FacebookTwitter
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं; काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं; मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता; सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं; तु.......Read Full Shayari