कभी ज़िंदगी में ऐसी शाम तो आए SHARE FacebookTwitter कभी ज़िंदगी में ऐसी शाम तो आएबेचैन सी इन सांसो को आराम तो आएना रह जाएगी कोई रज़ा फिर उस खुदा से दोस्तोइकरार का उनका कोई पैगाम तो आए SHARE FacebookTwitter
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं; काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं; मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता; सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं; तु.......Read Full Shayari