रोज कहता हूँ न जाऊँगा कभी घर उसके SHARE FacebookTwitter रोज कहता हूँ न जाऊँगा कभी घर उसकेरोज उस के कूचे में इक काम निकल आता हैMore SHARE FacebookTwitter Tagsहिन्दी शायरी काम