रोज कहता हूँ न जाऊँगा कभी घर उसकेरोज कहता हूँ न जाऊँगा कभी घर उसकेरोज उस के कूचे में इक काम निकल आता है
भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिनभूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिनकाम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं