रवा होते-होते एक दिन:

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रवा होते-होते एक दिन
रवा होते-होते एक दिन रवा हो जायेगी
यादें रह जायेंगीं, जिंदगी हवा हो जायेगी
परवान तो चढने दो, गम को उरूज तक
दर्द ही दर्द की, देखना, दवा हो जायेगी
तुम हर रोज मिलना मुझे, घुंघट में से झांकते
पुराने जमाने की, ये नयी अदा हो जायेगी
जरूरी है फांसले मोहब्बत की रस्मों-रिवाज में वरना
हमसे खता हो जायेगी या तुमसे खता हो जायेगी
खूबाँ को देखकर, कहते हैं, बस में ठसे हुए मर्द
दिल में जगाह चाहिए, बैठने को भी जगाह हो जायेगी

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