बड़ा वीरान मौसम है..बड़ा वीरान मौसम है कभी मिलने चले आओहर एक जानिब तेरा ग़म है कभी मिलने चले आओहमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में हैहमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओमेरे हम-राह अगरचे दूर तक लोगों की रौनक़ हैमगर जैसे कोई कम है कभी मिलने चले आओतुम्हें तो इल्म है मेरे दिल-ए-वहशी के ज़ख़्मों कोतुम्हारा वस्ल मरहम है कभी मिलने चले आओअँधेरी रात की गहरी ख़मोशी और तनहा दिलदिए की लौ भी मद्धम है कभी मिलने चले आओहवाओं और फूलों की नई ख़ुशबू बताती हैतेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ
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