मुझसे मिलने को...मुझसे मिलने को करता था वो बहाने कितनेअब मेरे बिना गुजरेगा वो जमाने कितनेमैं गिरा था तो रुके थे बहुत लोग;सोचता हूँ उनमें से आए थे उठाने कितनेअब और न दे दर्द मेरे दिल को ज़ालिम;भरे नहीं अभी तक जख्म पुराने कितने
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