बदला न अपने आपको..बदला न अपने आपको जो थे वही रहेमिलते रहे सभी से अजनबी रहेअपनी तरह सभी को किसी की तलाश थीहम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहेदुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुमथोड़ी बहुत तो जे़हन में नाराज़गी रहेगुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलोजिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहेहर वक़्त हर मकाम पे हँसना मुहाल हैरोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे।
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