तेरी हर बात मोहब्बत में

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तेरी हर बात मोहब्बत में..
तेरी हर बात मोहब्बत में गंवारा करके
दिल के बाज़ार में बैठे हैँ ख़सारा करके
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे
वो अलग हट गया आँधी को इशारा करके
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की ज़रा आँख लगे
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भंवर है जिसकी
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके

This is a great तेरी आँखे शायरी. If you like तेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for तेरी खूबसूरती शायरी.

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