जिस दिन से जुदा..जिस दिन से जुदा वो हम से हुएइस दिल ने धड़कना छोड़ दियाथा चाँद का मुँह भी उतरा हुआतारों ने चमकना छोड़ दियाजब साथ वो हमारे रहते थेबे रुत भी बहार आ जाती थीआज बहारें आए तो क्याफूलों ने महकना छोड़ दियाअब याद भी आए तो भी क्याआँखों ने बरसना छोड़ दियाजिस दिन से जुदा वो हम से हुएइस दिल ने धड़कना छोड़ दिया
This is a great जुदा होना शायरी.